कार्यक्रम की शुरुआत में डा0 राजीव सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को की गई, जिसका गठन भारतीय नेताओं और ब्रिटिश कैबिनेट मिशन के बीच हुई बातचीत के परिणाम स्वरूप किया गया था। इस सभा का उद्देश्य भारत को एक संविधान प्रदान करना था जो दीर्घ अवधि प्रयोजन पूरे करेगा और इसलिए प्रस्तावित संविधान के विभिन्न पक्षों पर गहराई से अनुसंधान करने के लिए अनेक समितियों की नियुक्ति की गई। सिफारिशों पर चर्चा, वादविवाद किया गया और भारतीय संविधान पर अंतिम रूप देने से पहले कई बार संशोधित किया गया तथा 3 वर्ष बाद 26 नवंबर 1949 को आधिकारिक रूप से अपनाया गया।
अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की तंत्र प्रणाली का आधार हमारा संविधान है | जिसके द्वारा भारत के नागरिक होने के नाते अधिकार और कर्तव्य का निर्धारण किया गया है | 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा द्वारा सर्व सम्मत से संविधान को अंगीकृत किया गया था | यह भारतीयो के लिए एक गौरवशाली दिन रहा है | जिसे आज पूरे देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है |
चर्चा बैठक में श्रुति नागवंशी ने कहा कि भारतीय संविधान भारतीयों को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार प्रदान करता है लेकिन जमीनी स्तर पर जो मानवाधिकार हनन की घटनाएं बढ़ती जा रही है खास कर बच्चो, महिलाओ व जातिगत आधार पर भेद-भाव की घटनाये दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जबकि संविधान बनाने वाले विद्वानों ने इस पर विशेष रूप से ध्यान देते हुए इसे रोकने हेतु कठोर क़ानून बनाने का काम किया है | परन्तु इसके बावजूद भी इस तरह की घटनाये रूक नहीं रही है | यह एक चिंता का विषय है और हम सभी भारतीयों को इसपर मिलजुल कर काम करने की जरूरत है|
चर्चा बैठक के बाद मोमबत्ती जलाकर अम्बेडकर मूर्ति की परिक्रमा की गयी और समापन किया गया| कार्यक्रम का संचालन इरशाद अहमद ने किया और धन्यवाद शिरीन शबाना खान ने दिया|
संविधान दिवस के इस अवसर पर जै कुमार मिश्रा, शिरीन शबाना खान, अजय सिंह, इरशाद अहमद, डा0 राजीव सिंह, अनूप श्रीवास्तव, आनंद प्रकाश, पिंटू गुप्ता, शिव प्रताप चौबे, छाया, फरहत, ओमकार, वंदना, मनोज सिंह, प्रभाकर, दिनेश, रोहित, विजय, अरविन्द, उमेश, अजीत, दिनेश, घनशयाम, दिलशाद, राजेन्द्र, बलिन्दर, राकेश, दीपक, अर्चना, स्वाती सहित अन्य लोग उपस्थित थे |
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