Wednesday 26 March 2014

[बघवानाला, वाराणसी] मार्च 26, 2014 मानव अधिकार पक्षकार संवाद एंव मध्यान्ह भोजन योजना का शुभारम्भ

वाराणसी, मानवाधिकार जननिगरानी समिति एवं जनमित्र न्यास दवारा संचालित राजा सुहेल देव जनमित्र शिक्षण केंद्र में मानव अधिकार पक्षकार संवाद का आयोजन किया गया | संवाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के ज्वाईंट रजिस्ट्रार श्री. अनिल कुमार पाराशर रहें जिनके द्वारा सुहेल देव शिक्षण केंद्र में बच्चों के लिए संचालित मध्यान्ह भोजन का शुभारम्भ बच्चों के साथ भोजन (पूड़ी सब्जी खाकर) कर किया गया | 

समिति द्वारा आयोजित मानव अधिकार पक्षकार संवाद में वाराणसी के विभिन्न क्षेत्रों से मानवाधिकार पक्षकार / कार्यकर्ता शामिल हुए, जिन्होंने श्री. पाराशर से अपौचारिक चर्चा में वाराणसी जिले में मानवाधिकार हनन एवं सामाजिक विकास की योजनाओं में वंचित तबकों अनुसूचित जाति / जनजातियों की पहुंच की क्या स्थितियां हैं ? इसे साझा किया | मानवाधिकार पक्षकारों ने अपने क्षेत्र की बहुत सी समस्याओं पर चर्चा के साथ ही लिखित शिकायत भी किया |






समिति द्वारा “श्री अनिल कुमार पराशर जी को “जनमित्र सम्मान” से सम्मानित किया गया | यह सम्मान उन्हें मानवाधिकारों की स्थापना के संघर्ष में लगे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रहें हमलों के मामलों में एन एच आर सी के “ह्यूमन राईट डिफेंडर डेस्क” के  फोकल प्वाईंट के रूप में तुरन्त व प्रभावी कार्यवाही करने और सजग रूप से अपने कर्तव्य निर्वहन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य के लिए दिया गया | विदित हो कि श्री पाराशर जी को “न्यायमूर्ति श्री रंगनाथ मिश्रा” और “कर्मवीर सम्मान” से भी सम्मानित किया जा चुका है |









वाराणसी, मानवाधिकार जननिगरानी समिति एवं जनमित्र न्यास दवारा संचालित राजा सुहेल देव जनमित्र शिक्षण केंद्र में मानव अधिकार पक्षकार संवाद का आयोजन किया गया | संवाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के ज्वाईंट रजिस्ट्रार श्री. अनिल कुमार पाराशर रहें जिनके द्वारा सुहेल देव शिक्षण केंद्र में बच्चों के लिए संचालित मध्यान्ह भोजन का शुभारम्भ बच्चों के साथ भोजन (पूड़ी सब्जी खाकर) कर किया गया |

















बघवानाला स्थिति राजा सुहेल देव जनमित्र शिक्षण केंद्र (अनौपचारिक शिक्षण केंद्र) मानवाधिकार जननिगरानी समिति एवं जनमित्र न्यास इंडो जर्मन सोसाइटी के सहयोग से   पांच कमरा, रसोईघर, शौचालय आदि बनवाया गया है| शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने के तीन वर्ष से भी अधिक बीतने के बाद भी आज भी बघवानाला और आसपास के क्षेत्र में कोई प्राथमिक विधालय नही है | 

वर्ष 2008 में ही इस भवन के निर्माण के बाद इसे जिला बेसिक शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने का प्रयास किया गया लेकिन आज भी शिक्षा विभाग द्वारा भवन को अधिग्रहित कर बच्चों का शिक्षा अधिकार सुनिश्चित नही किया जा सका है | इस बीच समिति द्वारा क्षेत्र के 81 बच्चों को ग्लोबल फण्ड फार चिल्ड्रेन (GFC) अमेरिका के आर्थिक सहयोग से लगातार नि:शुल्क शिक्षा दिया जा रहा है | बच्चों को मुफ्त कॉपी किताबों के साथ अब पोषण स्तर बढ़ाने के लिए दोपहर भोजन दिया जा रहा है, जिसका उदघाटन श्री अनिल पराशर जी द्वारा किया गया | बच्चों के आत्मबल बढ़ाने के लिये मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण जर्मनी के मेडिकल छात्र मि. हेनरिक जोनोस्की द्वारा दिया जा रहा है | 

कार्यक्रम का संचालन इरशाद अहमद, अतिथियों का स्वागत श्रुति नागवंशी और धन्यवाद डा. लेनिन रघुवंशी ने किया | इस अवसर पर प्रमुख रूप से तिलक राजभर, अर्जुन राजभर, अजय सिंह, जयकुमार मिश्रा, शिरिन शबाना खान, राजेन्द्र प्रसाद, हेमलता आदि सैकड़ो मानवाधिकार कार्यकर्ताओ सहित आम नागरिक उपस्थित रहें  |

Photo by: Rohit Kumar as initiative of PVCHR: life and struggle of Neo Dalit Movement through camera of born Dalit against caste system
http://www.bistandsaktuelt.no/nyheter-og-reportasjer/arkiv-nyheter-og-reportasjer/it-opptur-for-indias-kastel%C3%B8se


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